विपदा
कैसी विपदा आन पड़ी है फिर भी यह सरकार मौन पड़ी है ना अस्पतालों में एंबुलेंस खड़ी है ना एडवांस में ऑक्सीजन पड़ी है देखो कैसी विपदा आन पड़ी है । सरकार को चुनावों की पड़ी है जनता को अपनों की पड़ी है अस्पतालों में ना दवाई बची है दोनों के बीच मौत खड़ी है देखो कैसी विपदा आन पड़ी है । श्मशानों में जगह नहीं है अस्पतालों में बेड नहीं है देखो विपदा बहुत बड़ी है पहाड़ बनकर यह खड़ी है देखो कैसी विपदा आन पड़ी है । नेता अभिनेता मौन खड़े हैं गरीब जनता असहाय खड़ी है वजीरेआला को चुनावों की पड़ी है आई पी एल में पैसों की झड़ी है देखो कैसी विपदा आन पड़ी है । ✍️ सोमवीर सिंह